ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुसीबत खत्म होने का नाम नहीं ले रही। वहां हुई हिंसक घटनाओं में मारे गए लोगो के मामले में अंतरिम सरकार शेख हसीना को घेरने की तैयारी कर चुकी है। अंतरिम सरकार ने बुधवार को कहा कि वह शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ हाल ही में हुए छात्रों के आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं में शामिल लोगों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में मुकदमा चलाएगी। अंतरिम सरकार के कानून सलाहकार डॉ. आसिफ नजरुल ने कहा कि इन घटनाओं की जांच संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की निगरानी में कराने की तैयारी कर ली गई है। एक जुलाई से पांच अगस्त के बीच हुई हत्याओं की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में होगी। आसिफ नजरुल ने कहा कि एक जांच दल संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण निगरानी में काम करेगा और हत्या में शामिल निवर्तमान सरकार के किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
हसीना के बयान पर दर्ज कराई आपत्ति
शेख हसीना इन दिनों भारत में हैं। यहां रहते हुए उन्होंने बांग्लादेश के वर्तमान हालात को लेकर एक बयान जारी किया है, जिसे उनके बेटे ने सोशल मीडिया पर डाला था। इसको लेकर अंतरिम सरकार में विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने बुधवार को आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत के साथ मिलकर काम करना और द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाना चाहती है। हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत में रहते हुए दिया गया सार्वजनिक बयान बेहतर द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल नहीं है।
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