नई दिल्ली। एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि मुसलमानों को भारत में अछूत बना दिया गया है। क्या चमोली के मुसलमानों को समानता और सम्मान से जीने का अधिकार नहीं है? ओवैसी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि- जब वे अरब शेखों से गले मिल सकते हैं तो चमोली के मुसलमानों को भी गले लगा सकते हैं। आखिरकार मोदी भारत के प्रधान मंत्री हैं, सऊदी या दुबई के तो नहीं।
ओवैसी ने चमोली का जिक्र करते हुए कहा है कि यह वही उत्तराखण्ड है जहां की सरकार यूनिफार्म सिविल कोड लागू कर रही है, लेकिन वहीं मुसलमानों को अछूत बनाया जा रहा है। ओवैी ने यह भी दावा किया कि उत्तराखण्ड के चमोली में 15 मुसलमान परिवारों का सामूहिक बहिष्कार किया जा रहा है। चमोली के व्यापारियों ने धमकी दी है के 31 दिसंबर तक मुसलमानों को चमोली छोड़ देना होगा। मकान मालिकों को चेतावनी दी गई है कि अगर वे मुसलमानों को घर देंगे तो उन पर 10 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।
व्यापारियों ने पास किया है प्रस्ताव
उल्लेखनीय है कि चमोली जिले के खानसर कस्बे में व्यापारियों के एक संगठन ने लगभग 15 मुस्लिम परिवारों को 31 दिसंबर तक शहर छोड़ने का प्रस्ताव पास किया है। ऐसा न करने पर न केवल इन परिवारों के खिलाफ बल्कि उन्हें अपना घर या दुकान किराए पर देने वालों के खिलाफ भी कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मकान मालिकों पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके अलावा, खानसर घाटी के गांवों में सभी फेरीवालों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। व्यापार करते पकड़े गए किसी भी फेरीवाले पर 10 हजार रुपए का जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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