नागपुर। महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट का विस्तार हो गया है। रविवार को 39 मंत्रियों ने नागपुर में आयोजित एक समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली। इनमें भाजपा के 19, शिवसेना के 11 और एनसीपी के 9 मंत्री शामिल हैं। भाजपा के 16 विधायकों को कैबिनेट मंत्री और 3 विधायकों को राज्यमंत्री बनाया गया है. इसके साथ ही शिवसेना के 9 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं और दो राज्यमंत्री हैं। इसी तरह एनसीपी के कोटे से 8 कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री बनाए गए हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में कई दिग्गज नेताओं का पत्ता कट गया है। जबकि कई नए चेहरों को सामाजिक एवं क्षेत्रीय संतुलन के साथ स्थान प्राप्त हुआ है। इस प्रकार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मंत्रिमंडल में आज 39 नए चेहरों को शामिल किया गया।
33 कैबिनेट मंत्री एवं छह राज्यमंत्री
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब 33 कैबिनेट मंत्री और छह राज्यमंत्री शामिल किए गए हैं। संख्या के आधार पर भाजपा के 19, शिवसेना के 11 एवं राकांपा के नौ मंत्रियों को शपथ दिलवाई गई। अब मुख्यमंत्री एवं दो उपमुख्यमंत्रियों को मिलाकर राज्य मंत्रिमंडल में कुल मंत्रियों की संख्या 42 हो गई है। यह मंत्रिमंडल विस्तार राज्य विधानमंडल के नागपुर में शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से ठीक एक दिन पहले हुआ है।आज हुए मंत्रिमंडल विस्तार में सरकार में शामिल तीनों दलों ने अपने कुछ दिग्गज नेताओं का पत्ता काट दिया है। इनमें अजीत पवार की राकांपा से छगन भुजबल, भारतीय जनता पार्टी से सुधीर मुनगंटीवार एवं शिवसेना से अब्दुल सत्तार एवं दीपक केसरकर के नाम शामिल हैं।
चार महिलाओं को मौका
नए मंत्रिमंडल में चार महिला सदस्यों को भी शामिल किया गया है। इनमें पहले भी मंत्री रह चुकीं पंकजा मुंडे, अदिति तटकरे एवं पहली बार मंत्री बनीं माधुरी मिसाल एवं मेघना बोर्डीकर शामिल हैं। यह भी एक संयोग ही है कि इस मंत्रिमंडल में भाजपा की ओर से पंकजा मुंडे एवं राकांपा कोटे से उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे मंत्री बनाए गए हैं।
नहीं बुलाए जाने पर नाराज हुए आठवले
महाराष्ट्र में रविवार को देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट का विस्तार हो गया, लेकिन इसका निमंत्रण नहीं मिलने से रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख रामदास अठावले ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मुझे इस कार्यक्रम का निमंत्रण तक नहीं दिया गया। हमने कल तक इंतजार किया लेकिन हमें कोई फोन नहीं आया। हमने देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक की और उन्होंने हमें कम से कम एक मंत्रालय देने का वादा किया, लेकिन इस विस्तार में, हमारे पास आरपीआई कोई चेहरा नहीं है।
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